कठोपनिषद
Kathopnishad


यम -
पर मूर्ख बाहरी भोगो में लगे रहते है वे सर्वत्र फैली हुई मृत्यु के पास में बांधते रहते है किंतु बुद्धिमान मनुष्य नित्य का विवेकपूर्व चिंतन करते हुए इस जगत के अनित्य भोगो में आसक्त नहीं होते

Yam -
But fools are engaged in the outer bhogos, they keep tying up near the death spread everywhere, but intelligent humans are not enamored in the eternal bhogas of this world while thinking of the conscience of eternal.