कठोपनिषद
Kathopnishad

अध्याय 2
Chapter 2

वल्ली 1
Valli 1

यदि परमेश्वर सबके हृदय में विराजित है तो सभी लोग अपनी बुद्धिरूपी नेत्रों से क्यों नहीं देख लेते? कोई विरल ही क्यों उन्हे देख पाता  है?
If God is enthroned in everyone's heart, then why do not all people see with their intellectual eyes? Why can someone see them rarely?

यम -
परमेश्वर ने सभी इंद्रियों को बाहर की ओर जानने वाला बनाया है इसलिए इंडिया बाहर की वस्तुओ को देखती है अंतरात्मा को नहीं को नहीं, किसी भाग्यशाली बुद्धिमान व्यक्ति ही अमरपद को पाने की इच्छा करके अपनी इंद्रियों को बाहरी विषयों से हटा कर अंतरात्मा को देखता है

Yam -
God has made all the senses know outwards, so India sees the objects outside, not the conscience, not a lucky intelligent person, by wishing to get the immortal, removes his senses from the external subjects and sees the conscience.