कठोपनिषद
Kathopnishad


यम -
बुद्धि से सुकष्ट से विचार करने पर भी उस परमात्मा को वो मनुष्य प्राप्त नहीं कर सकता जो बुरे आचरणों से खुद को मुक्त नहीं कर पाया है न वह पा सकता है जो अशांत है तथा जिसकी मन, इंद्रिया उसके संयम मे नहीं है न वो जिसका मन चंचल है

Yam -
Even after thinking carefully through the intellect, that God cannot be attained by a person who has not freed himself from bad conduct, nor by one who is disturbed and whose mind and senses are not under his control, nor by one whose mind is fickle.