उस ब्रह्म ने असुरो पर देवताओं की विजय के लिए ही देवताओं को बलवान किया था पर उस विजय में देवता अभिमानी हो ये सोचने लगे की ये विजय उनकी वजह से मिली है और इसमे उनकी महीमा है
“The Brahma had made the gods powerful only for the victory over the demons. But in this victory, the gods became arrogant, thinking that they had achieved it because of their own efforts and that it was their glory. ”